कोटवारी जमीन पर अवैध कब्जे का मामला : मेडिकल कॉलेज के कथित डॉक्टर सहित 40 लोगों का अवैध कब्जा.. बेदखली नोटिस के बावजूद डॉक्टर के अवैध निर्माण पर 3 महीने बाद भी कोई एक्शन नहीं.. सेटिंग का मामला…??


रायगढ़। अतरमुड़ा में प्राची विहार से लगी कोटवारी जमीन पर हुए अवैध कब्जे और निर्माण के मामले में जांच होने के बाद भी आज पर्यंत कोई कार्यवाही नहीं की गई है और जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है जबकि इस मामले में सीमांकन की प्रक्रिया जनवरी 2024 में ही पूर्ण कर ली गई थी बावजूद उसके आज तक कोई नोटिस तक जारी नहीं किया गया है, यहां तक की मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एक कथित डॉक्टर के द्वारा कोटवारी भूमि पे किए गए अवैध निर्माण का मामला लंबित है।
शासन ने बड़े अतरमुड़ा प्राची विहार में कोटवार को सेवाभूमि की रूप में खसरा नंबर 65/3 कुल रकबा लगभग 4.85 एकड़ भूमि आबंटित की थी जो आज भी राजस्व अभिलेख में सेवा भूमि के रुप में ही दर्ज है लेकिन जमीनी हकीकत की बात की जाए तो अब यह भूमि कोटवार की रही ही नहीं और स्थानीय भू माफियाओं ने कोटवार भूमि पर भी अवैध कब्जा और बिक्री कर गैर कानूनी रूप से लोगों को बसा दिया है।
वर्तमान में सड़क के दोनों ओर कोटवार भूमि पर अवैध कब्जे हो गए है l। पूर्व एसडीएम ने इसकी जांच के आदेश भी दिए थे। तहसीलदार ने आरआई और पटवारी को भेज कर विस्तृत जांच करने को कहा था इसी भूमि पर मेडिकल कॉलेज के कठित डॉक्टर नित्यम सागर पटेल द्वारा भी मकान का निर्माण कराया जा रहा है जो अब लगभग पूर्ण होने को है। यहां सबसे हैरत की बात तो यह है कि इस मामले में उनको बकायदा बेदखली का नोटिस भी जारी किया गया था लेकिन अब लगता है कि मामले को जानबूझकर दबा दिया गया है। स्थानीय पटवारी और आरआई ने इस क्षेत्र में 65/3 की संपूर्ण जांच भी की थी जिसमें तब 40 लोगों द्वारा अवैध रूप से कोटवार भूमि में काबिज होने की जानकारी आई थी सूत्रों की मानें तो एक स्थानीय भू माफिया द्वारा सुनियोजित तरीके से स्थानीय पटवारी और आरआई से मिलीभगत कर इस कोटवार भूमि में लोगों को बसाया गया है और करोड़ों रुपए की काली कमाई की गई है जिसमें सहयोगियों को भी उनका निर्धारित हिस्सा दिया गया है शायद यही वजह हैं कि इस मामले में आज पर्यंत कोई कार्यवाही नही की गई है जबकि कायदे से अब तक सभी अवैध कब्जे और निर्माण पर बुलडोजर चल जाना चाहिए था।
कुल मिलाकर देखा जाए तो ऐसे कई मामले है जहां जिला प्रशासन की कार्यवाही में स्पष्ट दोहरापन दिखाई देता है। एक ओर प्रशासन तत्परता दिखाते हुए अवैध कब्जे के नाम पर शहर में ठेले गुमटियों वालों पर बुलडोजर कार्यवाही करती है दूसरी ओर लगभग पौने पांच एकड़ कोटवार भूमि पर काबिज़ 40 लोगों के अवैध कब्जे और निर्माण पर जांच रिपोर्ट आने के बावजूद कोई कार्यवाही नही करती है।
