खबर का असर : एक साल पूर्व के मामले में आज ट्रेलर एसोसिएशन संरक्षक सतीश चौबे ने पीड़ित महिला के खाते में 40 हजार रुपए किए ट्रांसफर..अब तक कुल 154000 रुपए दिए गए है महिला को.. जबकि एसोसिएशन अध्यक्ष का दावा जुटाई राशि सवा 2 लाख से भी अधिक.. बड़ा सवाल : जब खाते में है पूरी जमा राशि तो किश्तों में भुगतान क्यूं..?

इस मामले में बात स्थानीय मीडिया में आने के बाद आज एक सकारात्मक बात सामने आई है जिसमे एक साल पहले हादसे में असमय अपनी जान गंवाने वाले एक व्यक्ति की पत्नी के खाते में आज 40 हजार रुपए और ट्रांसफर किया गया है जिसे मिलाकर कुल 154000 हजार रुपए आज पर्यंत किश्तों में पीड़ित महिला को दिया जा चुका है जबकि एसोसिएशन अध्यक्ष और अन्य कई सदस्यों के बताए अनुसार एक साल पूर्व संस्था के सदस्यों के स्वेच्छा दान से करीब सवा दो लाख रुपए संरक्षक सतीश ने अपने निज खाते में बतौर चंदा जुटाए थे
इस पूरे मामले में सबसे अधिक दिलचस्प तथ्य यह भी है कि जो व्यक्ति स्वयं को हर मंच पर ईमानदार बता रहा है वो आखिर साल भर पूर्व सहयोग के नाम पर चंदे द्वारा जुटाई गई राशि को किश्तों में क्यूं भुगतान कर रहा है जबकि उसके खाते में साल भर पहले ही कुल जमा की गई राशि क्रेडिट हो चुकी है।

संस्कारीधानी नगरी रायगढ़ में एक ऐसा शर्मनाक वाक्या सामने आया है जिससे अपनी असाधारण सेवाश्रुषा और दानशीलता के लिए दशकों से पूरे छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध रायगढ़ नगरी के गौरवशाली परंपरा में एक बदनुमा दाग लग गया है।
जी हां, हम यहां बात करने रहें है एक ऐसे शर्मनाक वाक्ये की जिसकी पटकथा को मानवीय संवेदना से जोड़कर अंजाम दिए जाने की बात सामने आ रही है..दरअसल पूरा मामला एक सड़क हादसे और उससे उपजी त्रासदी से जुड़ी है जो आज से करीब 10 महीने पहले जुलाई 2023 को घटित हुई थी जिसमें एक युवा गंभीर रूप से घायल हुआ था जिसके ईलाज के लिए बिना परिजनों की जानकारी के ही सबसे पहले जिला ट्रेलर एसोसिएशन के संरक्षक सतीश चौबे द्वारा पहले एसोसिएशन के व्हाट्सअप ग्रुप में सड़क हादसे की जानकारी सांझा करते हुए घायल युवक के ईलाज हेतु संस्था से जुड़े सभी सदस्यों से स्वेच्छानुसार आर्थिक सहयोग करने हेतु मार्मिक अपील की गई थी जिसमें उनके द्वारा अपने गूगल/फोन पे अकाउंट नंबर को दिया गया था जिसके बाद संस्था से जुड़े लगभग हर सदस्य द्वारा अपनी स्थिति अनुसार सहयोग भी किया गया था और इस सांझा प्रयास से हजारों रूपये की राशि एकत्रित भी हो गई थी लेकिन दुर्भाग्य से दूसरे ही दिन हादसे में घायल हुए युवक की ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई थी। संस्थागत सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तब राशि अपने खाते में जुटाने वाले संरक्षक चौबे जी द्वारा यह कहा गया था कि मौका देखकर पीड़ित परिवार को उक्त एकत्रित राशि दे दी जायेगी किन्तु आज 10 महीने बीत जाने के उपरांत भी एकत्रित राशि नहीं दी गई है और न ही उक्त राशि को लेकर आज पर्यंत जिला एसोसिएशन के अध्यक्ष सहित अन्य सदस्यों को किसी भी प्रकार की औपचारिक जानकारी दी गई है यहां यह बताना भी जरूरी होगा कि ट्रेलर एसोसिएशन के नाम पर बकायदा एक बैंक खाता भी है बावजूद उसके संरक्षक चौबे द्वारा सहायता राशि को अपने खाते में डलवाया गया था जो प्रथम दृष्ट्या ही उनकी नियत पर सवालिया निशान लगाने हेतु पर्याप्त है।
मामले को लेकर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा..
जिला ट्रेलर एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष दयानंद पटनायक ने हमारे संवाददाता को बताया कि यह वाकया उनकी अध्यक्षता के कार्यकाल ही है और इसको लेकर उनके द्वारा मौखिक रूप से और संस्था के व्हाट्स अप ग्रुप में भी कई बार संरक्षक सतीश चौबे से अपडेट लेने की कोशिश की जा चुकी है लेकिन श्री चौबे हर बार टालमटोल वाला जवाब दिया जाता है और एकत्रित राशि के विषय में साफगोई से कोई संतोषप्रद जवाब आज पर्यंत नही दिया गया है जो कि कहीं न कहीं आर्थिक अपारदर्शिता के साथ साथ अनैतिकता श्रेणी में भी आता है क्योंकि यहां जिस युवक के ईलाज के नाम पर राशि जुटाई गई थी और आज वह युवक हमारे बीच भी नही है। एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री पटनायक द्वारा यह भी कहा कि जल्द ही इस आर्थिक झोलझाल के मामले में वे दोषी व्यक्ति के विरुद्ध संस्थागत स्तर पर औपचारिक सवाल जवाब करेंगे और संतोषप्रद जवाब न मिलने की स्थिति में वे विधिवत कानूनी कार्रवाई भी करने को स्वतंत्र होंगे…

क्या कहा हतप्राण युवक के पिता ने..
इस विषय में जब हमने हतप्राण युवक के परिजन से बात की तो उन्होंने इस मामले में अपनी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें और उनके पूरे परिवार को इसकी जानकारी नही है और ही उनके द्वारा किसी से भी उस दौरान सहयोग की अपील की गई थी इसलिए यह वाकया उनके लिए बेहद तकलीफदेय है क्योंकि यह सब उनके स्वर्गवासी बेटे के नाम पर अनैतिक रूप से किया गया है और इससे उनकी भावनात्मक संवेदना को भी आघात पहुंचा है।
और भी कई मामलों की मिल रही है जानकारी..
इस मामले को लेकर हमारे द्वारा जब एसोसिएशन के कई सदस्यों से मोबाइल द्वारा संपर्क किया गया तो कईयों ने इस मामले में संरक्षक सतीश चौबे जी भूमिका का संदेहास्पद बताया। वही एक सदस्य ने अपना नाम न बताने की शर्त पर यह भी बताया कि यह कोई एकमात्र मामला नही है उनकी अपुष्ट जानकारी में एक और मामला भी है जिसमें सतीश चौबे के द्वारा इसी तरह अपने खाते में एक मृतक के परिजन को आर्थिक मदद देने के नाम से करीब सवा दो लाख रुपए इसी तरह एकत्रित किया गया था और उसमें से करीब 25 हजार रूपए मृतक की पत्नी को उनके घर जाकर दिया भी गया था और शेष करीब दो लाख रुपए उन्हें डिमांड ड्राफ्ट के रूप में उसके बेटे के नाम से देनी की बात कहीं गई थी लेकिन आज पर्यन्त मानवीय संवेदना की आड़ में लोगों से जुटाई गई शेष 2 लाख की राशि को पीड़ित परिवार को नहीं दिया गया है।

कौन है एसोसिएशन के संरक्षक सतीश चौबे

संस्था के संरक्षक सतीश चौबे, जिन पर एसोसिएशन के ही अध्यक्ष और कई सदस्यों द्वारा सहयोग के नाम पे जुटाई गई राशि में झोलझाल करने का आरोप लग रहा है वे जेपीएल में कभी लॉजिस्टिक हेड के रूप में अपनी सेवा दे चुके है और रिटायरमेंट के बाद परिवहन के व्यवसाय से जुड़ गए है। सूत्रों से मिली एक और जानकारी की मानें तो इनके ऊपर एक स्थानीय भाजपा नेता के ढाई लाख रुपए डकारने की बात सामने आ रही है, हालांकि संस्था जुड़े कई सदस्यों ने यह भी कहा कि सतीश चौबे संस्था और ट्रेलर मालिकों के हित में सदैव तत्पर रहते हैं।
डिस्क्लेमर : उपरोक्त खबर ट्रेलर एसोसिएशन अध्यक्ष, संस्था से जुड़े कई सदस्यों और पीड़ित परिवार से मिली जानकारी पर आधारित है और खबर किसी व्यक्ति अथवा संस्था के खिलाफ नहीं है अपितु रायगढ़ की दानशीलता की परंपरा और गौरवशाली इतिहास को बचाएं रखने का छोटा सा प्रयास है ताकि भविष्य में ऐसी अमानवीय कृत्य की पुनरावृत्ति न हो।