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रायगढ़ – आखिरकार कानून के लंबे हाथों की गिरफ़्त में आ ही गया करोड़पति आरोपी राकेश जिंदल..युवा अधिवक्ता आशीष मिश्रा के सटीक तर्कों से सहमत होकर कोर्ट ने पुलिस को दिया आरोपी राकेश जिंदल के खिलाफ 420, 417, 467, 468 व 471 की संगीन धाराओं के तहत FIR दर्ज करने का आदेश..पूरे 20 सालों बाद मिला प्रार्थी पक्ष को इंसाफ़…

रायगढ़ – मृत व्यक्ति को जीवित बताकर फर्ज़ी रजिस्ट्री करवाने के बेहद गंभीर अपराध के हाई प्रोफाईल मामलें में सुनवाई करते हुए कल सोमवार 7 मार्च को रायगढ़ कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश ने जेएसपीएल समूह से जुड़े करोड़पति आरोपी राकेश जिंदल के खिलाफ आईपीसी की संगीन धाराओं 417, 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध दर्ज करने का निर्देश चक्रधरनगर थाने को दिया है। ऐसे मामलों पर विधिक जानकारी रखने वाले स्थानीय विशेषज्ञों की मानें तो अब आरोपी राकेश जिंदल का गिरफ्तार होना लगभग तय ही हैं।

आशीष मिश्रा, प्रार्थी पक्ष की पैरवी करने वाले युवा अधिवक्ता

बता दें कि यह पूरा मामला तमनार ब्लॉक के रहने वाले व्यक्ति स्व दौलत सिंह से जुड़ा है जिसकी मृत्य वर्ष 1995 में ही हो गयी, लेकिन आरोपी राकेश जिंदल की गिद्ध नज़र मृतक स्व.दौलत सिंह की एक संपत्ति पर थी जिसे आरोपी ने बेहद शातिराना तरीके से मृतक के नाम पर ग्राम तमनार में रजिस्टर्ड एक भूसंपत्ति खसरा क्रमांक 229/46/6 को कुल रकबा 0.506 हेक्टेयर को 28 अप्रैल 2001 मृतक की मृत्यु के पूरे 6 साल बाद मृतक के स्थान पर एक दूसरे व्यक्ति को भूस्वामी दौलत सिंह बताकर उक्त भूमि की फर्ज़ी रजिस्ट्री करा ली गयी थी जिस मामलें में कल रायगढ़ कोर्ट ने सुनवाई के दौरान शहर के तेज़तर्रार व बेहद काबिल युवा अधिवक्ता आशीष मिश्रा द्वारा कोर्ट में प्रस्तुत किये गए दस्तावेजी साक्ष्यों व सटीक तर्को से सहमत होते हुए माना कि इस मामलें में आरोपी की प्रत्यक्ष संलिप्तता हैं जिसके बाद कोर्ट चक्रधरनगर थाना पुलिस को आदेश देते हुए कहा कि तत्काल आरोपी राकेश जिंदल के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 417, 420, 467, 468 व 471 के तहत अपराध दर्ज पंजीबद्ध करें। हालांकि यहाँ यह भी बताना जरूरी होगा कि मामलें के आरोपी राकेश जिंदल, कुछ साल पहले ही जेएसपीएल कम्पनी रायगढ़ से रिटायरमेंट ले चुके हैं।

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