पीडीएस चावल की अफरातफरी का मामला : तिरुपति राईस मिल के संचालक को बचाने की कोशिश…? मिल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज नही किया गया..

रायगढ़। पीडीएस चावल की अफरातफरी करना अपराध की श्रेणी में आता है और पकड़े जाने पर पुलिसिया कार्यवाही होनी है। वही रायगढ़ के तिरुपति राईस मिल में रंगे हाथ 380 कट्टा पीडीएस चावल पकड़ा गया था लेकिन मामले में अभी तक FIR नही दर्ज किया गया है।
सरकार ने पीडीएस चावल को दुकान से तस्करी कर खुले बाजार में बेचने वाले माफिया पर रोक लगाने के लिए प्रयास किए गए लेकिन जमीनी स्तर पर सभी की आपसी मिलीभगत है कोई पकड़ा भी जाता है तो ऊपर के सक्षम और जिम्मेदार अफसरान द्वारा कार्यवाही में जानबूझकर ढिलाई की जाती है। ऐसे ही एक मामले में कुछ हफ्ते पूर्व जूटमिल थाना पुलिस द्वारा पीडीएस चावल के खरीददार तिरुपति राईस मिल में छापा मारकर 380 कट्टा चावल जब्त किया गया था। यह प्रकरण खाद्य विभाग को आगे की जांच के लिए सौंपा जा चुका है। मामले में पुलिस ने जो चावल जब्त किया है , वह जूट के बोरों में है और कुल 380 बोरे में से लगभग 40 बोरों में मिल की स्लिप भी चिपकी हुई है और बाकियों में से स्लिप को काटकर फेंक दिया गया है। पकड़े गए चावल को औरदा गोदाम में रखा गया है। यह पीडीएस दुकानों को मिलने वाला चावल ही है। खाद्य निरीक्षक ने इसमें जांच तो शुरू की है लेकिन धान खरीदी की वजह से यह जांच पूरी नहीं हो पाई है। राईस मिल संचालक राजकुमार सिंघल ने पकड़े गए चावल के संबंध में आज पर्यंत कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नही किए। कायदे से मामले में खाद्य विभाग को यह जांच भी करनी चाहिए कि चावल को किसके जरिए किस दुकान से खरीदा गया। पीडीएस चावल तो राशन कार्ड धारकों में बांटा जाना था लेकिन तिरुपति राईस मिल कैसे पहुंच गया…? और चावल के कट्टे में राईस मिल की स्लिप भी लगी मिली थी तब विभाग द्वारा कहा भी गया था कि उक्त राईस मिल संचालक के खिलाफ FIR दर्ज किया जाएगा, लेकिन आज तक FIR दर्ज नही किया गया है।
