रायगढ़ – GST में फर्ज़ी इनपुट टैक्स क्रेडिट का मामला : शहर के नामी स्टील व सीमेंट कारोबारी के संस्थान में सेंट्रल जीएसटी व डीजीजीआई टीम ने मारा छापा, बड़ी धांधली हुई उजागर… संयुक्त टीम ने लगाया एक करोड़ रुपये का जुर्माना….

रायगढ़ – गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने गुरुवार को कोतरा रोड इलाके में स्टील, सीमेंट के कारोबारी और सरकारी सप्लायर के संस्थान पर छापा मारा है। कार्रवाई में डीजीजीआई के साथ सेंट्रल जीएसटी की टीम भी शामिल थी। फर्म के खिलाफ जीएसटी में फर्जी आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के जरिए लाभ लेने की गड़बड़ी उजागर हुई है। लंबी पूछताछ के बाद व्यापारी ने गलती कबूली।
व्यापारी पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाए जाने की बात सामने आई है। अब जांच पूरी नहीं हुई है हालांकि अफसरों की टीम रायपुर लौट गई है। अफसरों ने औपचारिक रूप से कुछ भी कहने से इनकार किया। जांच पूरी होने के बाद खुलासे की बात कही है। जानकारी के मुताबिक कारोबारी बोगस बिलों से खरीदी-ब्रिक्री बता कर टैक्स की चोरी कर रहा था।
हाल के दिनों में कारोबारी द्वारा महंगी गाड़ियां और प्रापर्टी में बड़े निवेश के बाद जीएसटी विभाग के राडार पर चढ़ा। कार्रवाई गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस महानिदेशालय के एडिशनल डायरेक्टर जनरल अजय पाण्डेय के निर्देश पर की गई है। बताया गया है कि जब्त दस्तावेजों की जांच के साथ ही फर्म के संचालक और दूसरे व्यापारियों से पूछताछ की जाएगी। अफसरो के अनुसार व्यापारी द्वारा फर्जी बिल बना कर सीमेंट और स्टील का कारोबार किया गया है। इसके बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया गया जा रहा था।
टैक्स चोरी से सरकार को नुकसान हुआ है। इसी वित्तीय वर्ष 2021-22 के वित्तीय वर्ष में यह गड़बड़ी सामने आई है। अफसरों का कहना है कि पिछले वर्षों के बही खातों और खरीदी ब्रिक्री की जानकारी ली जा रही है, उसमें और भी गड़बड़ी होने की संभावना है। हालांकि अभी रायपुर से आए अफसर वापस लौट आए है, लेकिन अगले हफ्ते फिर से इसकी जांच शुरू की जाएगी। कुछ दस्तावेजों और हार्डडिस्क को भी अफसरों ने जब्त किया है।
इस तरह काम करता है इनपुट टैक्स क्रेडिट
आईटीसी यानि इनपुट टैक्स क्रेडिट होता है। निर्माता या थोक विक्रेता से लेकर ग्राहक तक जीएसटी की वसूली सभी बेचने वाले करते हैं। होल सेलर से लेकर रिटेलर तक एक सामान पर दो बार टैक्स देता है। इसमें एक बार के टैक्स को वह इनपुट क्रेडिट के तौर पर सरकार से वापस ले लेता है। मान लीजिए कि आपने किसी दुकान से सामान खरीदा। दुकानदार ने जीएसटी आपसे लेकर सरकार को दे दिया। जबकि जब उसने थोक विक्रेता से सामान खरीदा था तब वह उस सामान पर टैक्स दे चुका था। ऐसे में वह इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता है जिससे उसे पहले जमा की गई टैक्स की राशि वापस मिल जाती है।