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रायगढ़ – नवनिर्वाचित पार्षद ने सोशल मीडिया पर CMO को लिखा ‘बिकाऊ’…और कहा उनके पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं हैं….

रायगढ़ – हाल ही में सम्पन्न हुए सारंगढ निकाय चुनाव के दौरान भाजपा की टिकट से निर्वाचित हुए युवा पार्षद मयूरेश केशरवानी का गुस्सा कल उस वक्त भड़क गया जब नगर पालिका, सारंगढ की ओर प्रकाशित व वितरित किये गए नवनिर्वाचित पार्षदों के औपचारिक शपथग्रहण समारोह के आमंत्रण पत्र में रायगढ़ जिले की सांसद श्रीमती गोमती साय और वर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष अमित अग्रवाल का नाम विशेष अतिथियों के साथ आमंत्रण पत्र में अंकित नहीं किया गया।

जिसके बाद नवनिर्वाचित युवा भाजपा पार्षद मयूरेश केशरवानी ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक कटाक्ष भरा पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने नगरपालिका मुख्य अधिकारी (सीएमओ) की कार्यशैली को कटघरे में खड़े करते हुए कहा कि क्या रायगढ़ जिले की सांसद गोमती साय व वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष अमित अग्रवाल का नाम प्रोटोकॉल के तहत नहीं आता है अथवा जानबूझकर उनके नाम को आमंत्रण पत्र में शामिल बाकी विशेष अतिथियों के साथ सिर्फ इसलिए नहीं लिखा गया है क्योंकि वे सत्ताधारी पार्टी काँग्रेस से न होकर विपक्षी पार्टी भाजपा से है…?

आगे नवनिर्वाचित पार्षद ने यह भी लिखा है कि सीएमओ के पास उनके किसी सवालों को कोई जवाब नहीं हैं। जब हमारे स्थानीय सँवाददाता ने मयूरेश केशरवानी से उनके द्वारा सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर किये गए इस पोस्ट को लेकर बात की तो उनका स्पष्ट कहना था कि अगर प्रोटोकॉल के लिहाज दे देखा जाए तो रायगढ़ सांसद श्रीमती गोमती साय जी का नाम अनिवार्य रूप से इस आमंत्रण पत्र पर अंकित होना चाहिए था क्योंकि वर्तमान में वह पूरे जिले का प्रतिनिधित्व देश के सर्वोच्च सदन लोकसभा में करती हैं वहीं वर्तमान नगरपालिका अध्यक्ष होने के नाते से अमित अग्रवाल जी का भी नाम अंकित होना चाहिये था जो कि जानबूझकर नहीं किया गया है इससे साफ प्रमाणित होता है कि सीएमओ नगरपालिका सारंगढ, स्थानीय काँग्रेस के दबाव व प्रभाव में कार्य कर रहे हैं जो कि बतौर एक सरकारी कर्मचारी, उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल हैं और आने वाले समय मे हम स्थानीय भाजपाई उनकी इस नियमविरुद्ध कार्यशैली का खुलकर विरोध करेंगे।

बहरहाल, सोशल मीडिया पर नवनिर्वाचित युवा पार्षद मयूरेश द्वारा किये गए इस तीखे व कटाक्ष भरे पोस्ट से एक बार फिर सारंगढ की राजनीति में उबाल आ गया है क्योंकि लंबे समय से देखा जा रहा था कि वहाँ बतौर विपक्ष भाजपा हाशिये में जाते जा रही हैं और जनसरोकार के मुद्दों की बात हो या फिर विपक्ष की भूमिका की…कोई आवाज़ उठाने वाला भाजपाई नेता सारंगढ में नज़र नहीं आ रहे थे लेकिन अब मयूरेश ने अपने तीखे व आक्रामक टेवर्से दिखा दिया है कि अब सारंगढ में वो विपक्ष की भूमिका को निभाने के लिए तैयार हैं।

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