रायगढ़ – दो जून की रोटी भले न मिलें पर इस थाना क्षेत्र में “अवैध देशी-दारू की कोई कमी नहीं है” , पुलिसिया उदासीनता से शराब माफियाओं के हौसले बुलंद…कम स्टॉफ का बहाना बनाकर हर बार अपना पल्ला झाड़ लेती है लोकल-पुलिस….

रायगढ़ – जी हाँ , हम किसी जुमले की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि जिला मुख्यालय रायगढ़ से लगे पुसौर जनपद थाना क्षेत्र की हकीकत बयाँ कर रहे हैं जहाँ के दो गाँव जो कि खरसिया विधानसभा में आते है टपरदा व रँनभाटा इन दिनों अवैध देशी शराब के निर्माण व तस्करी को लेकर पूरे जिले सहित प्रदेश में खास सुर्खियों में बना हुआ है बावजूद इसके आज तक यहाँ के शराब माफियाओं के गिरेबां तक पुलिस के हाथ नहीं पहुँच पाए हैं यही वजह भी हैं कि इन दोनों क्षेत्रों में इन दिनों अवैध देशी शराब का कारोबार खूब फल फूल रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों से मिली जानकारी की मानें तो इस क्षेत्र में बनने वाली देशी शराब न सिर्फ रायगढ़ जिले बल्कि सीमावर्ती सराईपाली, बिलाईगढ़ सहित महासमुंद तक सप्लाई होती हैं जिन पर कभी भी बड़ी कार्यवाही नहीं होती हैं जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीण, शराब माफियाओं की पुलिस से मिली-भगत के बूतें कारोबार चलाने का आरोप तक गलगा रहे हैं। इससे अवैध शराब का निर्माण व बिक्री करने वालों के हौंसले बुलंद हैं।
हमारे संवाददाता को स्थानीय लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि क्षेत्र में हथकड़ एवं अवैध शराब का कारोबार दिन पर दिन बढ़ रहा है। इससे कई लोगों में हथकड़ शराब पीने लत लग गई है। इससे कई लोग बीमार हो चुके हैं। इस कारोबार को रोकने के लिए न तो स्थानीय पुलिस कोई कार्यवाही करती हैं और न कभी आबकारी विभाग की ओर से कोई कार्यवाही होती हैं। सबसे बड़ी विडंबना की बात तो यह है कि जब भी स्थानीय पुलिस से शराब माफियाओं पर कार्यवाही को लेकर मीडिया द्वारा सवाल पूछा जाता हैं तो वे कम स्टॉफ होने की दलील देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।
बता दें कि अवैध शराब के इस कारोबार की वजह से न सिर्फ एक बड़ी युवा आबादी नशे के गिरफ्त में धँसते जा रही हैं बल्कि इससे राज्य सरकार को भी लाखों-करोड़ों रुपये के राजस्व की हानि होती हैं बावजूद इसके इन शराब माफियाओं पर कार्यवाही न होना स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा देता हैं।