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रायगढ़ : फिर गरमाया रामलीला मैदान का मुद्दा : मैदान के निकट हो रहें कथित अवैध निर्माण के भारी विरोध के बाद सीमांकन करने पहुंची जिला प्रशासन की टीम..खिलाड़ियों, खेलप्रेमियों और युवा भाजपा नेता के मुखर विरोध के बाद हरकत में आया जिला प्रशासन.. रामलीला का मैदान स्थानीय कांग्रेस और शहर सरकार के लिए “महाभारत…”

रायगढ़ : शहर के मध्य में स्थित रामलीला खेल मैदान का मुद्दा इन दिनों एक बार से फिर से सुर्खियों में हैं। दरअसल पूरा मामला मैदान से लग कर हो रहें एक कथित तौर अवैध निर्माण से जुड़ा हुआ है जिसके बाद स्थानीय खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों द्वारा सोशल मीडिया पर इसका जोरदार तरीके से विरोध किया गया था जिसके बाद शहर की एक सामाजिक संस्था से जुड़े पदाधिकारियों और युवा भाजपा नेता व जिला अनुसूचित मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष शशिभूषण चौहान द्वारा अलग अलग जिला कलेक्टर और निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर उक्त विवादित निर्माण स्थल के सीमांकन की मांग की गई थी जिसके बाद आज जिला प्रशासन ने इस विषय को गंभीरता से संज्ञान लेते हुए चार आरआई की टीम को सीमांकन के सुबह ११ बजे ही भेज दिया है। ख़बर लिखें जानें तक आरआई की टीम सीमांकन के कार्य में जुटी हुई है जिनके साथ सीमांकन की मांग उठाने वाले कुछ स्थानीय शहरवासी भी मौजूद हैं।

मौके पर मौजूद प्रशासनिक दस्ते का कहना है कि सीमांकन के पश्चात वे प्रतिवेदन, सक्षम अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे, उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीं इस विवादित निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों और प्रिंट मीडिया का कहना है कि किसी स्थानीय कांग्रेसी नेता के द्वारा जिस स्थल पर इस निर्माण को कराया जा रहा है उस भूमि को पूर्व में रामलीला मैदान में प्रवेश करने के लिए प्रशासन द्वारा सड़क के लिए छोड़ा गया था उस लिहाज़ से ही कांग्रेसी नेता द्वारा कराए जा रहे इस निर्माण को स्थानीय लोग अवैध करार दे रहे हैं।

बहरहाल… यह कहना गलत नहीं होगा कि रामलीला मैदान का यह मुद्दा अगर जल्द नहीं सुलझाया गया तो आने वाले दिनों में ये स्थानीय स्तर पर कांग्रेस और शहर सरकार के लिए गले की फांस बन सकता है क्योंकि लंबे समय से ही शहर के खिलाड़ियों, खेल प्रेमियों और सामाजिक संस्था से जुड़े दर्जनों पदाधिकारियों द्वारा शहर के इस खेल मैदान के जीर्णोद्धार के लिए मांग की जा रही थी जिसके लिए लगभग २ महीने पूर्व ही शहर सरकार ने ४५ लाख रुपए की स्वीकृति दी थी लेकिन इस मुद्दे के दोबारा गरमाने के बाद रामलीला का मैदान स्थानीय कांग्रेस के लिए महाभारत में तब्दील हो सकती हैं।

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