रायगढ़

एनटीपीसी से निकलने वाला लाखों टन फ्लाईऐश गंतव्य पहुंचने की बजाय कोड़ातराई सहित अन्य कई स्थानों में अवैध रूप से किया गया डंप…फ्लाईऐश के विषाक्त कणों से रायगढ़ का इकोसिस्टम हो रहा है बर्बाद…

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रायगढ़, 19 फरवरी। एनटीपीसी के फ्लाईएश से कई लखपति ट्रांसपोर्टर करोड़पति बन चुके हैं। कुछ ने तो शॉर्टकट फार्मूला बनाकर सबको चूना लगाया है। एनटीपीसी ने फ्लाईऐश को दुर्ग में निर्माणाधीन एनएच तक पहुंचाने का ठेका दिया। ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने कुछ लोकल गाड़ी मालिकों से वाहन लिए। ये गाडिय़ां एनटीपीसी एश डाइक से राखड़ तो उठाती हैं, लेकिन दुर्ग नहीं जाती। रायगढ़ में ही कहीं डंप कर दुर्ग तक का भाड़ा वसूल लिया जाता है। एनटीपीसी में फ्लाई एश का बड़ा खेल चल रहा है। इस बात से कंपनी प्रबंधन भी अनजान है लेकिन रायगढ़ में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। एनटीपीसी लारा से निकलने वाले फ्लाई एश का उपयोग एनएच निर्माण में किया जा रहा है। दुर्ग, पाटन में बन रही फोरलेन में ऐश डाला जा रहा है। लारा प्लांट से पांच ट्रांसपोर्ट कंपनियों को परिवहन का ठेका मिला है।

इन कंपनियों ने लोकल ट्रांसपोर्टरों से सांठगांठ कर गाड़ियां ले लीं। इन वाहनों में जीपीएस अनिवार्य होता है। गाड़ी में ऐश लोड होने के बाद निकल जाती है। पुसौर से निकलते ही गाड़ी रायपुर रोड में जाने के बजाय रायगढ़ के आसपास ही अवैध रूप से एश डंपिंग कर रही हैं। तराईमाल, कोंड़ातराई आदि जगहों पर एश की अवैध डंपिंग की गई है, लेकिन बिना जीपीएस रिसीविंग के बिल पास नहीं होता। इसलिए एक साथ 10-15 गाडिय़ों का जीपीएस एक कार में लेकर पाटन में रोड निर्माण साइट पर जाकर एश रिसीविंग की पावती ली जाती है। फिर बिल बनाकर भुगतान ले लिया जाता है। इस काम में रायगढ़ के चार ट्रांसपोर्टर लगे हुए हैं। रायगढ़ के आसपास फ्लाई एश डंप करने में 9-10 हजार रुपए ही भाड़ा बनता है। दुर्ग तक ऐश परिवहन में करीब 55 हजार का भाड़ा वसूला जाता है।

खामियाजा भुगत रहा रायगढ़ का इकोसिस्टम
एनटीपीसी से निकलने वाला एश गीला होता है। इस वजह से एक गाड़ी में 50 टन तक एश लोड होता है। जो राखड़ सडक़ निर्माण में पाटने के काम आना है। वह रायगढ़ जिले में ही कहीं अवैध रूप से डंप किया जा रहा है। इस कारण यहां प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। एनटीपीसी भी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को उस काम का भुगतान कर रही है, जो हो ही नहीं रहा है। कई बार तो बिना जीपीएस के भी रिसीविंग पावती ले ली जाती है। लोकल ट्रांसपोर्टर ही इस गड़बड़ी में शामिल हैं।

कोंड़ातराई में डंप हजारों टन राखड़
जिले में अवैध रूप से फ्लाई एश डंपिंग पर कार्रवाई के लिए ज्वाइंट टीम बनाई गई है। इसके बावजूद लोकल ट्रांसपोर्टर अवैध डंपिंग करते जा रहे हैं। कोंड़ातराई से पुसौर रोड पर एक जगह पर हजारों टन फ्लाई एश डंप किया गया है। यह मेन रोड किनारे ही डाला गया है। इसके लिए कोई अनुमति ही नहीं ली गई है। संभवत: एनटीपीसी के ट्रांसपोर्टर यहीं अवैध डंपिंग करते रहे हों।

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