छत्तीसगढ़राजनीति

सारंगढ़ मे कांग्रेस बेहद मजबूत ! इतिहास बनाने के दहलीज पर उत्तरी गनपत जांगड़े….

विधायक की सक्रियता और अरुण मालाकार की संगठन क्षमता बनेगी जीत की गारंटी…?

सारंगढ़ : राजनितिक गलियारे मे विश्लेषक सारंगढ़ को सबसे अबुज पहेली के तौर पर रखते हैँ, क्योंकि अब तक कोई भी राजनेता या दल यहाँ जनता के उम्मीदों पर लगातार खरा नही उतर पाया है! ऐसा हम नही अपितु सारंगढ़ का इतिहास खुद बयां कर रहा है। तभी तो जनता हर वर्ष अपने उम्मीदों का पुल किसी प्रत्याशी और पार्टी पर बाँध कर 05 वर्षो तक टकटकी लगाए सारंगढ़ के विकास की प्रतीक्षा करते रहती है, लेकिन जब उम्मीदों का पुल टूटते नज़र आता है तब फिर नये चेहरों और नये पार्टी की तलाश कर उनसे फिर उम्मीद बाँध उनके सिर जीत का सेहरा बाँधने हेतु पल भर नही हिचकती, शायद इसी लिए सारंगढ़ को राजनीति का अबूझगढ़ माना गया है। लेकिन इस बार हवाओं का रुख और बहाव इतिहास बदलने के दहलीज पर प्रतीत हो रही है। संभवतः यह पहली बार देखने को मिल रहा है जहाँ जनता जनार्दन द्वारा फिर से वर्तमान विधायक पर ही अपना भरोसा क़ायम रखकर एक बार पुनः सारंगढ़ के विकास की जिम्मेदारी देने एक बात गली मोहल्लों मे सुनी जा सकती है। हालाकि चुनाव से पूर्व किसी प्रत्याशी की जीत की दावेदारी नही की जा सकती लेकिन कुछ तथ्य और आंकड़े वर्तमान विधायक के पक्ष मे झुकते नज़र आ रहे हैँ।

सारंगढ़ की उम्मीद पर खरा उतरने मे कामयाब हुई विधायक उत्तरी

लोकतंत्र के सबसे शक्तिशाली इकाई जनता ने जब विगत चुनाव मे 52 अधिक से अधिक मतों से उत्तरी गणपत जांगड़े को विजयी शेहरा पहनाया था तब राजनितिक विश्लेषक मान रहे थे की इसके पीछे छत्तीसगढ़ मे सत्ता परिवर्तन की लहर थी और शायद उसी भाव मे उत्तरी की जीत भी पार उतर गई होगी ! यूं तो लोगों के मन मे उत्तरी से उम्मीद तो थी, लेकिन कहीं ना कहीं शंका भी ये था कि इनसे पहले के धुरंधर जो नही कर पाए क्या वो काम एक भोली – भाली मासूम गृहणी रह चुकी महिला कर पायेगी या फिर सारंगढ़ जिला के लिए जनता अगामी 5 साल तक पुनः आश्वासन का झुनझुना बजाने मजबूर रहेगी। लेकिन विधायक बनते ही उत्तरी जांगड़े ने जिस दावेदारी के साथ सार्वजनिक कार्यक्रमों के अलावा भी बार- बार मुख्यमंत्री निवास जाकर जिस मजबूती से सारंगढ़ जिला की मांग रखी, और विधायक की मांग पर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने सारंगढ़ के लाखों जनता के जनमानस को ध्यान मे रखकर आखिर सारंगढ़–बिलाईगढ़ जिला का निर्माण किया जो छत्तीसगढ़ का 30 वां जिला बना, इसके गठन की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 15 अगस्त, 2021 को की थी और इसकी स्‍थापना 3 सितंबर, 2022 को हुई और वर्षो की मांग पुरी हुई, भले ही बिलाईगढ़ के नाम जुड़ने से कुछ आलोचक बिलाईगढ़ को मुद्दा बनाकर विधायक को घेरने की कोशिश करने मे एड़ी चोटी का जोर भी लगाए, लेकिन विगत सालों मे सभी मुख्यालय का निर्माण जिस तरह सारंगढ़ मे होने लगा है इस कारण लोगों का विश्वास विधायक और कांग्रेस पर भी बढ़ने लगा है।

अरुण मलाकार की संगठन क्षमता का विपक्षियों के पास तोड़ नही

राजनीति मे जीत हार कोई प्रत्याशी कुछ हद तक ही तय कर सकता है! लेकिन यथार्थ मे किसी भी पार्टी की जड़ उसकी संगठन क्षमता होती है। संगठन क्षमता मजबूत हो तभी प्रत्याशी की विजय का मार्ग भी प्रशस्त होती है। आंकड़े और प्रतिशत मे देखें तो संगठन क्षमता के सबसे बड़े कलाकार अरुण मालाकार हैँ इस पर भी कोई दो राय नही है। अरुण जिस तरह पूर्व मे रायगढ़ के सभी विधानसभा मे रिकॉर्ड जीत कराने मे कायमाब रहे उसे देखते हुए सारंगढ़ विधान सभा मे उनके रहते संगठन मे कहीं कोई डैमेज़ कि गुंजाइस नही दिख रही। सबसे बड़ी बात मलाकार सारंगढ़ के सबसे चहेते नेता होने के साथ स्थानीय हैँ , फिर इस बार जिला के प्रथम अध्यक्ष होने के नाते कांग्रेस की जीत के लिए अपने कमान से हर तर-कस निकालेंगे इसमे पार्टी को संशय नही है।

जिला के अधूरे विकास को पूर्ण कराने का विश्वास उत्तरी के साथ

आम गली नुक्क्ड़ मे चल रही बातों की माने तो जिला निर्माण के बाद अधूरे बना रहे निर्माण कार्यों को पूर्ण कराने की जिम्मेदारी का विश्वास जनता उत्तरी जांगड़े पर ही जता रही है, लोगों के अनुसार जिसने जिला निर्माण के लिए अपना सर्वस्व झोंक दिया उसे ही बाकी अधूरे काम को पूर्ण करने की जिम्मेदारी सौंपी जाए और उसके लिए फिर से एक बार उत्तरी गणपत जांगड़े को जीत दिलानी होगी, कुछ इसी तरह की चर्चा विधान सभा के गलियों मे गुंजायमान हो रही है! अर्थात आम जन की मानें तो पुनः सारंगढ़ मे उत्तरी जांगड़े बतौर विधायक भारी मतों से जीतेंगी।

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