रायगढ़

रायगढ़ छोड़ पूरे राज्य में सरकारी भूमि पर काबिज अवैध अतिक्रमण पर चल रहा है बुलडोजर .. रायगढ़ में नोटिस भेज कर लिया जाता है कर्तव्यों से इतिश्री.. वित्त मंत्री ओपी के गृह जिले में करोड़ों रूपये की सरकारी भूमि पर भू माफियाओं का कब्जा..

रायगढ़। सूबे में पिछले सात महीने से जब से भाजपा शासित विष्णुदेव साय सरकार सत्ता पे आई है तब से लगातार राज्य के हर जिले में जहां जहां सरकारी भूमि पर स्थानीय भू माफियाओं द्वारा जो अवैध अतिक्रमण और निर्माण किया गया है उस पर सिलसिलेवार तरीके से जिले के राजस्व और निगम प्रशासन द्वारा बुलडोजर कार्यवाही कर सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज अतिक्रमण और निर्माण को बेदखल किया जा रहा है बात चाहें राजधानी रायपुर की हो , न्यायधानी बिलासपुर की हो या फिर दूसरे किसी अन्य जिले की। हर जगह सरकार बदलते ही सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज़ अतिक्रमण को हटाकर सरकारी भूमि को कब्जामुक्त कराने की कार्यवाही बदस्तूर जारी है।

बिलासपुर में तो सरकारी भूमि पर अवैध रूप से निर्मित 742 मकानों और निर्माणों को चिन्हित किया गया है जिसमें से करीब 40 निर्माणों पर बुलडोजर चला कर सरकारी भूमि की कब्जा मुक्त करा दिया गया है और शेष में भी विधिवत तरीके से कार्यवाही जारी है लेकिन इसी विडंबना ही कहा जायेगा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पूर्व लोकसभा क्षेत्र व सूबे के वित्त मंत्री ओपी चौधरी के गृह जिले रायगढ़ में इसके उलट ही सिस्टम चल रहा है जहां देखा जाए तो राज्य के दूसरे किसी अन्य जिले से कहीं अधिक पैमाने पर सरकारी भूमि पर भू माफियाओं द्वारा न केवल अवैध कब्जा और निर्माण किया गया है बल्कि खुलेआम से गैर कानूनी तरीके से सरकारी भूमि की बिक्री भी की जा रही है और लगभग हर मामले की पूरी जानकारी होने के बावजूद भी निगम प्रशासन और राजस्व अमला हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है।

बड़े रामपुर क्षेत्र स्थित सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा

ताजा मामला रायगढ़ नगर निगम के अंतर्गत आने वाले जगतपुर इलाके का है जहां सरकारी मद की घास भूमि खसरा क्रमांक 135/21ख और 142/2 कुल रकबा 3.50 एकड़ है जिस पर एक स्थानीय भू माफिया द्वारा वृहद स्तर पर न सिर्फ गैर कानूनी रूप से कब्जा किया गया है बल्कि कई प्लॉटस पर दुकाने बनाकर लाखों रुपए ने बिक्री भी की गई है जिस पर ढाई महीने पहले राजस्व अमला और निगम प्रशासन द्वारा बुलडोजर चला कर करीब 3 एकड़ रकबे को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया गया था लेकिन इस बुलडोजर कार्यवाही के दौरान उस दिन उसी सरकारी मद की भूमि पर अवैध रूप से निर्मित दुकानों को नोटिस भेज कर कार्यवाही करने का हवाला देकर छोड़ दिया गया था बाद में निगम आयुक्त के मुताबिक निगम प्रशासन द्वारा शेष पांचों दुकानों को नोटिस भी जारी किया गया था जिसकी मियाद महज 7 दिनों की थी लेकिन आज नोटिस जारी किए महीने भर से अधिक का समय बीत गया है लेकिन निगम प्रशासन और राजस्व के उदासीन रवैए की वजह आज पर्यंत करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि को स्थानीय भू माफिया के अवैध कब्जे और निर्माण से मुक्त नहीं कराया जा सका है।

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