

रायगढ़। शहर की सड़कों के किनारे लगने वाले ठेलों और खोमचों पर कार्यवाही कर अपनी पीठ थपथपाने वाला निगम प्रशासन, शहर के बीचों बीच खुलेआम हो रहे नियम विरुद्ध हो रहे निर्माणों को लेकर मौन हो जाता है। ऐसे दो मामलों की चर्चा इन दिनों पूरे शहर में हो रही है। पहला मामला सुभाष चौक से ठीक आगे स्थित शांति लॉज से लगे हुए भूखंड का है जहां किसी SBJ प्राईवेट लिमिटेड द्वारा खुलेआम तमाम सरकारी नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए प्रथम , द्वितीय और तृतीय तल में अवैध निर्माण किया गया है लेकिन विडंबना देखिए कि अवैध रूप से निर्मित इस तीन मंजिला व्यवसायिक ईमारत पर निगम के सक्षम अफसरान की नजर भी नही पड़ती है।
वही दूसरा मामला शहर के गद्दी चौक स्थित आरसी ज्वेलर्स के ठीक बाजू का है जहां एक रसूखदार कारोबारी द्वारा पुरानी दुकान को तोड़कर पांच मंजिला टावर बनाया गया है जिसमें ग्राउंड फ्लोर तो पुरानी दुकान के क्षेत्रफल पर ही बना है लेकिन बाकी के फ्लोर को देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई गई है जहां निर्मित प्रथम तल ने तो बाजू में दशकों से मौजूद गली को ही निगल लिया है, प्रथम तल के निर्माण में करीब आठ फुट चौड़ाई बढ़ गई है और फिर बाकी के चार मंजिलों को भी इसी चौड़ाई के अनुपात में नियम विरुद्ध बनाया गया है लेकिन यहां भी निगम के कथित सक्रिय और नियम पसंद आला अफसर की नजर आज पर्यंत नही पड़ी है जबकि स्थानीय प्रिंट और डिजिटल मीडिया द्वारा कई बार इस विषय को प्रमुखता से उठाया जा चुका है।
कुल मिलाकर निगम प्रशासन की दोहरी कार्यशैली को देखते हुए यह कहना अनुचित नही होगा कि यहां नियम कायदों के कौड़े की मार सिर्फ कमजोर और गरीब लोगों पर ही पड़ती है और समर्थ लोगों के अवैध करतूत के प्रत्यक्ष रूप से उजागर होने के बावजूद निगम प्रशासन को दृष्टि दोष उत्पन्न हो जाता है…