राजनीतिरायगढ़

रायगढ़ – रायगढ़ भाजपा के ‘अनोखे’ जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल ने क्यूँ की “पत्तो के खिलाफ” एफआईआर की माँग….कांग्रेसियों ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि उमेश हैं फेसबुकिया जिलाध्यक्ष….

रायगढ़ – इन दिनों रायगढ़ भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल द्वारा सोशल मीडिया पर की जा रही राजनीति स्थानीय आम जनता के मध्य हास-परिहास का विषय बनती जा रही है। इसी कड़ी में आह उन्होंने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक पोस्ट किया हैं जिसमें उन्होनें स्थानीय शासन पर कटाक्ष करते हुए परोक्ष रूप से लिखा है कि पत्तों के हिलने मात्र से रायगढ़ शहर की लाइट गोल हो रही हैं साथ ही रायगढ़ के कांग्रेसियों से यह अपील भी की हैं कि उन्हें पत्तो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना चाहिए।

अब पत्तों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की मांग करने वाले भाजपा जिलाध्यक्ष उमेश अग्रवाल को स्थानीय काँग्रेसी कार्यकर्ता व नेता फेसबुकिया अध्यक्ष निरुपित करते हुए कई पोस्ट व टिप्पणियां सोशल नेटवर्किंग साइट पर कर रहे हैं। ऐसे में अब अब यह देखना दिलचस्प होगा कि स्थानीय कांग्रेसी नेता इनकी एफआईआर वाली बात को कितनी गंभीरता से लेते हैं।

बहरहाल…आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर सियासी शतरंज की बिशात बिछना शुरू हो गई हैं जिला भाजपा अध्यक्ष सहित उनके समर्थकों का दावा है कि जिले मे कांग्रेसी विधायको की भरमार है इसलिए समस्या भी भरपूर है। वही सोशल मीडिया पर आम जनता भी लगातार इस बात को उठाती रही हैं कि उदासीन सत्ता के अलावा स्थानीय विपक्ष की भूमिका भी अब तक बेहद कमजोर व निष्क्रिय ही रही है। आम जनता ने नेताओं को सबक सिखाने के उद्देश्य से ही किन्नर तक को महापौर बना दिया था। बदहाली का आलम चारो ओर है। सत्ता में दम न होने की वजह से आम जनता ‘विपक्ष’ से उम्मीद लगा बैठी है और कमजोर विपक्ष अपना पूरा दम सोशल मीडिया पर ही झोंककर अपने विपक्ष होने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नज़र आ रही हैं।

सत्ता की उदासीनता व विपक्ष की निष्क्रियता को देख अब आम जनता के मध्य इस बात की भी चर्चा होने लगी है कि किसी किन्नर को विधायक की दावेदारी के लिए आगे आना चाहिए। शायद किन्नर के नाम से समस्याए दूर हो जाये।

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