राजनीतिरायगढ़

रायगढ़ – हफ्तेभर पहले ही स्थानीय विधायक की शिकायत पर एक्शन लेते हुए काँग्रेस आलाकमान ने उस्मान बेग को पार्टी से किया था किक-आउट..अब प्रदेश एनएसयूआई ने सौपी निकाय चुनाव में दो वार्डों की जिम्मेदारी…पूरे क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में आक्रोश का माहौल..स्थानीय स्तर पर लोकल विधायक व पार्टी की साख पर लगा बट्टा…

रायगढ़ – अभी हफ्तेभर पहले ही कांग्रेस के प्रदेश काँग्रेस महामंत्री रवि घोष ने प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देशानुसार धरमजयगढ़ विधायक लालजीत सिंह राठिया की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए घरघोड़ा के काँग्रेस नेता उस्मान बेग को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाये जाने पर व बीतें नगर पंचायत चुनाव के दौरान भीतरघात करने का दोषी मानते हुए काँग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था लेकिन बीतें कल काँग्रेस पार्टी की ही अन्य इकाई एनएसयूआई के प्रदेश आलाकमान ने उस्मान बेग को आसन्न निकाय चुनाव में दो वार्डों की जिम्मेदारी सौंपकर इस मामलें को और गरमा दिया है जिससे पूरे घरघोड़ा क्षेत्र के काँग्रेसी कार्यकर्ताओं में जबर्दस्त आक्रोश का माहौल निर्मित हो गया हैं।

स्थानीय राजनीतिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक काँग्रेस से किक आउट नेता उस्मान बेग को निकाय चुनाव में दो वार्डों में जिम्मेदारी दिलाने में रायगढ़ के एक युवा नेता का हाथ बताया जा रहा है जो एनएसयूआई के अहम पद पर लंबे समय तक कार्य कर चुके हैं बताया तो यहाँ तक जा रहा है कि निकाय चुनाव के लिहाज से उस्मान को अहम जिम्मेदारी दिलाने वाले उक्त एनएसयूआई नेता ने प्रदेश आलाकमान को इस बात से अनभिज्ञ रखा गया कि उस्मान बेग को पार्टी विरोधी कार्यों व बीतें नगर पंचायत चुनाव में भीतरघात को लेकर हफ्तेभर पहले ही काँग्रेस प्रदेश आलाकमान ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं।

अब खबर यह भी मिल रही हैं कि जब से घरघोड़ा क्षेत्र के काँग्रेस पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को इस बात की औपचारिक सूचना मिली है तब से ही पूरे घरघोड़ा क्षेत्र के काँग्रेसियों में जबरदस्त आक्रोश का माहौल निर्मित हो गया है। स्थानीय कार्यकर्ता व जनता इस निर्णय को क्षेत्र के लोकप्रिय युवा विधायक लालजीत सिंह राठिया की अवमानना से जोड़ कर भी देख रहे हैं।

कुछ स्थानीय काँग्रेसी कार्यकर्ताओं का तो यहाँ तक भी कहना है कि इस निर्णय से स्थानीय स्तर पर लोकल विधायक व पार्टी की साख पर बट्टा लग गया है जिससे न सिर्फ आसन्न निकाय चुनाव बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान भी स्थानीय स्तर पर काँग्रेस को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि भीतरघात वाले मामलें में उस्मान बेग की राजनीतिक छवि बुरी तरह से धूमिल हो गयी है और अगर फिर से पार्टी अथवा पार्टी से सम्बंधित कोई अन्य इकाई उसे किसी भी तरह की अहम जिम्मेदारी सौंपती हैं तो इससे स्थानीय कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर होने के साथ साथ स्थानीय स्तर पर काँग्रेस पार्टी की छवि व जनाधार में भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता हैं जिसका खामियाजा कांग्रेस को आसन्न निकाय व विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता हैं।

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