रायगढ़

लैलूंगा के ब्लाइंड डबल-मर्डर केस में रायगढ़ पुलिस के हाथ अब तक ठोस सबूत नहीं…कहीं अंधेरे में तो तीर नहीं चला रही हैं पुलिस….कुछ अनसुलझें सवाल जो दोहरे-हत्याकांड की जाँच में जुटी पुलिस के लिए बनी चुनौती..

रायगढ़ जिले के लैलूंगा शहर में 2 डन पूर्व हुए कांग्रेस नेता मदन मित्तल और पत्नी अंजू देवी की हत्या के मामले में रायगढ़ पुलिस के हाथ अब तक कोई ठोस सुराग नहीं लगा है हालाँकि पुलिस ओडिशा में भी आरोपियों की तलाश कर रही है। इलाके में लगे सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।

इधर, पुलिस मदन मित्तल की दोनों राइस मिल के कर्मचारियों, पूर्व कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है। शुक्रवार को क्षेत्र के विधायक, पूर्व मंत्री समेत कई लोग लैलूंगा पहुंचे और मित्तल परिवार से मुलाकात की। यहां के बाजार 3 दिन से विरोध में बंद हैं।

इस दोहरे हत्याकांड का पूरे इलाके में जबरदस्त विरोध हो रहा है। गुरुवार सुबह जैसे ही इस वारदात की खबर लगी। लैलूंगा के बाजार बंद हो गए। और आज शनिवार को तीसरा दिन हैं कि यहाँ की दुकानें नहीं खुली हैं।

मामलें की जाँच में जुटी पुलिस टीम के हाथ फिलहाल कुछ भी ठोस सबूत नहीं
गुरुवार सुबह मदन और अंजू मित्तल के शव उनके बेडरूम में मिले थे। इसके बाद रायगढ़ एसपी अभिषेक मीणा ने जांच टीमें बनाकर तफ्तीश शुरू की। कुछ जांच दलों को कुछ संदिग्ध लोगों की जानकारी लेने बाहर भी भेजा गया है। लैलूंगा के जितने भी मकानों, दुकानों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, उनके फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

लैलूंगा शहर की दुकानें गुरुवार से बंद हैं।
लैलूंगा शहर की दुकानें गुरुवार से बंद हैं।

हो सकता है ओडिशा कनेक्शन
लैलूंगा ओडिशा के बार्डर का गांव है। संदेह यह भी है कि अपराधी वारदात करने के बाद ओडिशा भाग गए हों। जांच टीम ओडिशा के बार्डर इलाकों के गांवों की छानबीन भी कर रही है। मदन मित्तल और अंजू देवी की हत्या होने के बाद ही पुलिस ने उनके एक ड्राइवर सोनू खान को उठाया था। इस ड्राइवर से मदन नाराज थे और उसे जमकर डांटा था। उन्होंने अपने बेटे से भी कहा था कि वो सोनू को घर में आने-जाने ना दे। इसी आधार पर पुलिस ड्राइवर से पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है ..?

ये हैं कुछ अनसुलझे सवाल..

  • घटनास्थल से कुछ नकद और जेवरात गायब बताए जा रहे हैं तो करीब 1 करोड़ कीमत के गहने, नकद वहां से नहीं ले जाए गए।
  • मदन मित्तल अपने कमरे का दरवाजा बंद करके सोते थे, लेकिन बुधवार को उनका दरवाजा अंदर से लॉक नहीं था।
  • दो अलमारियों में चाबी लगी थी, लेकिन हत्यारों ने उन्हें नहीं खोला।
  • घटनास्थल पर किसी तरह के संघर्ष के निशान नहीं मिले।

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