रायगढ़ – बूढ़ी माई व महादेव मंदिर ट्रस्ट जमीन विवाद : नाम न लेने की शर्त पर कुछ लोगों ने बताया कि “राजू व दुबे” की जोड़ी अवैध कब्जेदारों से वसूलती हैं मंथली..शहर के लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है यह पूरा मामला, क्या सीमांकन की प्रक्रिया के बाद जिला प्रशासन अवैध कब्जेदारों पर करेगा बेदख़ली की कार्यवाही….??

रायगढ़ – बूढ़ी माई व महादेव मंदिर ट्रस्ट की करोड़ों रुपये की जमीन पर अवैध कब्ज़े व इसकी खरीदी-बिक्री के मामलें में आज एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है जिसमें ट्रस्ट की जमीन पर अवैध रूप से काबिज कुछ कब्जेदारों ने मीडिया के समक्ष अपना नाम व पहचान सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताया कि वे किसी “राजू व दुबे जी” नाम के दो लोगों को नियमित रूप से कब्ज़े के एवज में मंथली देते हैं।

बता दें कि हम इस खबर में जिस चंगु-मंगू “राजू व दुबे की जोड़ी” की बात कर रहें हैं उनके भी मंदिर ट्रस्ट से जुड़े होने की जानकारी मिल रही हैं हालांकि फ़िलहाल हम ऐसी किसी भी जानकारी के प्रमाणिक व पुख्ता होने की पुष्टि नहीं कर रहें हैं किंतु अवैध कब्जेदारों से नियमित मंथली वसूली करने वाले राजू के विषय में एक और जानकारी भी सामने आ रही हैं कि उसकी रोजाना की आमद नगर निगम दरबार की हैं और अपने दरबारी होने का ही बेज़ा लाभ उठाकर वो लंबे समय से न सिर्फ ट्रस्ट की जमीन पर काबिज अवैध कब्जेदारों से मंथली वसूलने की जानकारी सामने आई है बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी सरकारी-नजूल भूमि पर काबिज लोगों से भी अच्छा खासे “अवैध-टैक्स” की कमाई करता है।


बहरहाल अब यह पूरा मामला जिला प्रशासन के दरबार में पहुँच गया है जिसमें आगामी 2 फरवरी को प्रशासनिक टीम द्वारा तहसीलदार, आरआई व क्षेत्र के पटवारी की मौजूदगी में सीमांकन की प्रक्रिया पूरी होनी हैं जिसके बाद ही समूचे रायगढ़ शहर की धार्मिक आस्था से जुड़े इस मामलें की असल सच्चाई सामने आएगी, बाकी इतना तो तय है कि मंदिर ट्रस्ट की करोड़ों रुपये की बेशकीमती भूमि पर कतिपय रसूखदार लोगों के द्वारा अवैध कब्जा किया गया है जिनमें फ़िलहाल सिद्धेश्वर नेत्रालय, जलतारे होटल, मार्बल दुकान व साहू इलेक्ट्रिकल के कब्ज़ा होने की पुख्ता जानकारी मिली हैं और अगर प्रशासन के द्वारा प्रस्तावित सीमांकन की प्रक्रिया में इस बात की तस्दीक हो जाती हैं तो फिर जिला प्रशासन इन अवैध कब्जेदारों पर कब व कैसे बेदख़ली की कार्यवाही करेगा…???