रायगढ़ – शहर के एक बड़े कथित सफेदपोश ठेकेदार के रसूख के समक्ष खनिज विभाग व जिला प्रशासन के तमाम अफ़सरान सरेंडर… एक क्रशर बन्द, दूसरा लीज़ एरिया से बाहर लेकिन फिर भी उत्खनन धड़ल्ले से जारी…करोड़ों रुपये के झोलझाल की आशंका – स्थानीय सूत्र

रायगढ़ – टीमरलगा-गुड़ेली क्षेत्र में कई क्रशर संचालक नियम कायदों से ऊपर हो गए हैं इनके समक्ष जिला प्रशासन के आला अफसर हो या फिर खनिज अथवा पर्यावरण अधिकारी , सब के सब नतमस्तक हो चुके हैं। क्षेत्र के लगभग सभी क्रशर व खदान संचालन में नियमों का खुलेआम अतिक्रमण किया जा रहा है लेकिन सभी अफ़सरान खामोश तमाशा देख रहे हैं। एक क्रशर संचालक तो ऐसा हैं जिसके दो क्रशर हैं एक को बन्द बताया जा रहा है तो दूसरा लीज़ एरिया से ही बाहर हैं लेकिन इसे अंदर दिखाकर मनमानी रॉयल्टी जारी करवाई जा रही हैं।
बता दें कि यह पूरा मामला लालाघुरवा के एक क्रशर से जुड़ा है जिसके संचालक (सफेदपोश ठेकेदार) का नाम हमेशा से विवादों के साथ जुड़ा रहा है रायगढ़ जिले में सरकारी कामों के बड़े मटेरियल सप्लायर व ठेकेदार को यहाँ चूना पत्थर का उत्खनन खनिज पट्टा जारी किया गया हैं जहाँ इसके लीज़ एरिया के अंदर एक क्रशर भी हैं जिसे बन्द बताया जाता हैं। तो वहीँ एक क्रशर इसके लीज़ एरिया के बाहर स्थित हैं जिसे कूटरचित तरीके से खनिज विभाग व जिला प्रशासन से सांठगांठ कर इस क्रशर को अंदर बता धड़ल्ले से खनन व क्रशिंग का काम किया जा रहा है। लीज़ अवधि फरवरी 2022 में खत्म होने वाली हैं इसलिए रॉयल्टी पर्ची जारी करने की रफ़्तार यहाँ काफी बढ़ा दी गई हैं।
वैसे यहाँ यह भी बताना लाज़िमी होगा कि इस क्रशर का नाम जिले के सर्वाधिक खनन करने वाले क्रशरों में शुमार है। स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी की मानें तो इस क्रशर के संचालन में बहुत बड़ा झोलझाल किया जा रहा है जिसे भौतिक निरीक्षण के दौरान जिला खनिज विभाग के अफसरों ने पकड़ा भी था लेकिन आज पर्यंत किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई हैं।
रायगढ़ के कई रसूखदार क्रशर संचालकों ने अनिल, बंटी, अमित, हनु, गुरु-सतीश आदि ने क्रशर संचालन में भारी अनियमितता की हैं लेकिन अगर खनिज विभाग इन पर यदा कदा कोई कार्यवाही करता भी हैं तो महज भण्डारण नियमों के उल्लंघन के अतिरिक्त किसी भी बिंदु पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती हैं।